पंजाब की राजनीति एक बार फिर 500 करोड़ और 350 करोड़ रुपए की कथित ‘डील’ को लेकर गरमा गई है। आम आदमी पार्टी (आप) के पंजाब महासचिव बलतेज पन्नू ने कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पद की कुर्सी की ‘सेल’ से जुड़े गंभीर सवालों पर कांग्रेस जानबूझकर चुप्पी साधे हुए है और जनता का ध्यान भटकाने के लिए लीगल नोटिस की राजनीति कर रही है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बलतेज पन्नू ने कहा कि कांग्रेस यह स्पष्ट क्यों नहीं कर रही कि 500 करोड़ और 350 करोड़ रुपए के आंकड़े आखिर किस लिए और किससे जुड़े थे? उन्होंने आरोप लगाया कि जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाने के लिए पहले नवजोत कौर सिद्धू को पार्टी से सस्पेंड किया गया और उसके बाद उन्हें लीगल नोटिस भेज दिया गया। पन्नू ने सवाल किया कि क्या नोटिस भेज देने से यह सच्चाई छिप जाएगी कि मुख्यमंत्री की कुर्सी की ‘बोली’ लग रही थी?
पन्नू ने कांग्रेस से सीधे सवाल किया कि पैसा कहां से इकट्ठा किया जाना था? क्या यह इंडस्ट्री, प्राइवेट स्कूलों, अस्पतालों या अन्य संस्थानों से वसूला जाता था? या फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह जिन फाइलों का जिक्र करते रहे हैं, उसी तर्ज पर वसूली होती थी? उन्होंने यह भी पूछा कि दो अलग-अलग रेट क्यों तय थे—क्या 500 करोड़ पूरे पांच सालों के कार्यकाल के लिए थे और 350 करोड़ कैप्टन के हटने के बाद बचे हुए कार्यकाल के लिए?
बलतेज पन्नू ने इस पूरे मामले पर सुनील जाखड़ से भी स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा कि जाखड़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और वे खुद मुख्यमंत्री की रेस में भी शामिल थे। ऐसे में उन्हें जरूर पता होगा कि 350 करोड़ की डील किसके लिए हो रही थी और 500 करोड़ किससे वसूले जाने थे। पन्नू ने सीधे सवाल किया कि जाखड़ साहब बताएं, आप से किसने 350 करोड़ मांगे थे?
इसके साथ ही पन्नू ने भाजपा के कार्यकारी प्रधान अश्विनी शर्मा से अपील की कि वे सुनील जाखड़ और कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक मंच पर बैठाकर पंजाब की जनता के सामने सच्चाई रखें। उन्होंने मांग की कि कैप्टन अमरिंदर सिंह यह भी साफ करें कि मुख्यमंत्री बनने के दौरान उन्होंने किसे कितना पैसा दिया था और वह पैसा कहां-कहां से इकट्ठा किया गया था।
पन्नू ने कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे आज नवजोत कौर सिद्धू को नोटिस भेज रहे हैं, लेकिन कुछ महीने पहले जब एक गैंगस्टर की मां ने उन पर आरोप लगाए थे, तब उन्होंने कोई लीगल नोटिस क्यों नहीं दिया?
अंत में पन्नू ने राजा वड़िंग, प्रताप सिंह बाजवा और चरणजीत सिंह चन्नी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब इन नेताओं पर 350 करोड़ के आरोप लग रहे हैं, तो वे जनता के सामने सच क्यों नहीं रख रहे? पन्नू ने नवजोत कौर सिद्धू को भी चुनौती दी कि वे अपने पास मौजूद सबूत और फाइलें सार्वजनिक करें।






