राजनीतिक गलियारों में एक बड़ी हलचल तब मच गई जब गिल्को ग्रुप ऑफ कंपनीज के एम.डी. और पूर्व अकाली दल नेता रंजीत सिंह गिल के चंडीगढ़ स्थित आवास पर पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने छापेमारी की।
यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है जब रंजीत सिंह गिल ने बीते दिन ही हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की मौजूदगी में औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थामा था।
✔ छापेमारी की पुष्टि और माहौल
सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस टीम शनिवार सुबह गिल के चंडीगढ़ स्थित घर पर पहुंची और वहां घंटों तक दस्तावेजों की जांच की। टीम की मौजूदगी की खबर जैसे ही क्षेत्र में फैली, आसपास के इलाके में हलचल मच गई।
🔁 राजनीतिक पृष्ठभूमि
रंजीत सिंह गिल इससे पहले शिरोमणि अकाली दल में सक्रिय रहे हैं और खरड़ विधानसभा क्षेत्र से 2017 और 2022 में चुनाव भी लड़ चुके हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
गिल ने कल ही बीजेपी में शामिल होते हुए कहा था कि “पार्टी बदलना सिर्फ़ राजनीतिक निर्णय नहीं, लोगों की आवाज़ सुनना भी है।”
❗ अचानक छापेमारी – क्या है मंशा?
विजिलेंस की यह कार्रवाई राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े कर रही है।
क्या यह पहले से चली आ रही जांच का हिस्सा है या फिर पार्टी बदलने के बाद उठाया गया कदम?
इस पूरे मामले पर अब तक न तो विजिलेंस ब्यूरो और न ही रंजीत सिंह गिल की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने आया है।