पंजाब के बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए बड़ी राहत की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने विधानसभा के विशेष सत्र में कहा कि राज्य सरकार ‘जिसदा खेत, उसदी रेत’ योजना के तहत किसानों को बाढ़ से खेतों में जमा हुई रेत हटाने के लिए ₹7200 प्रति एकड़ आर्थिक सहायता देगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसानों को अपने खेतों से रेत निकालने और चाहें तो उसे बेचने की भी अनुमति दी गई है। बाढ़ के कारण कई गांवों में उत्पादक भूमि अनुपयोगी हो गई थी, जिसे पुनर्जीवित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
💰 मुआवजे में रिकॉर्ड बढ़ोतरी — फसल नुकसान पर अब मिलेगा दोगुना से भी ज्यादा
मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ नियमों में बदलाव करते हुए फसल क्षति के मुआवजे में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की:
फसल नुकसान प्रतिशत | पहले की राशि | नई राशि |
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26% – 33% | ₹2000/एकड़ | ₹10,000/एकड़ |
33% – 75% | ₹6800/एकड़ | ₹10,000/एकड़ |
75% – 100% | ₹6800/एकड़ | ₹20,000/एकड़ |
👉 मुख्यमंत्री ने बताया कि ₹20,000/एकड़ मुआवजे में से ₹14,900 राज्य सरकार देगी, जो पूरे देश में सबसे अधिक सहायता है।
🏠 घरों की मरम्मत और पुनर्वास के लिए भी मदद
नुकसान | पहले की मदद | अब की मदद |
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पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकान | ₹1.20 लाख | ₹1.20 लाख (जारी) |
आंशिक क्षति | ₹6500 | ₹35,100 |
साथ ही जिन किसानों की जमीन नदी में बह गई, उन्हें ₹47,500 प्रति हेक्टेयर (₹18,800 प्रति एकड़) का मुआवजा दिया जाएगा।
🔜 15 अक्टूबर से शुरू होगा मुआवजा वितरण — दिवाली से पहले राहत पहुँचाने का वादा
मुख्यमंत्री ने कहा:
“हम राहत नहीं, सम्मान दे रहे हैं। दिवाली से पहले हर पीड़ित परिवार तक सहायता पहुँचेगी।”
उन्होंने सामाजिक संगठनों, सेना, NDRF और दूसरे राज्यों से आए वालंटियर्स का आभार भी जताया।
⚠ केंद्र सरकार पर भी साधा निशाना
भगवंत मान ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित ₹1600 करोड़ को “क्रूर मज़ाक” बताया और आरोप लगाया कि “केंद्रीय मंत्री बाढ़ राहत के नाम पर सिर्फ फोटो खिंचवाने आए थे।” उन्होंने कहा कि वह अमित शाह से मिलकर मुआवजा ₹50,000 प्रति एकड़ करने की मांग दोहराएंगे।