पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य इस समय अब तक की सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी के कारण राज्य के 10 से अधिक जिलों में बाढ़ आई है, जिससे एक हजार से ज्यादा गांव प्रभावित हुए हैं और लाखों लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
मान ने बताया कि लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है और धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। साथ ही, पशुधन की हानि से ग्रामीण आजीविका पर गहरा असर पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार एक-एक पाई का मुआवजा देगी। उन्होंने कहा कि निचले इलाकों से लोगों को निकालने, राहत शिविरों में ठहराने और स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रशासन को निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से 60,000 करोड़ रुपये का रुका हुआ फंड जारी करने की मांग की है।
मान ने कहा कि मेडिकल और राहत टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। पानी की क्लोरीनेशन, कीटाणुनाशक छिड़काव, मलेरिया व डेंगू की जांच, सूखा राशन वितरण और स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित पशुओं के इलाज व चारे की व्यवस्था के लिए पशु चिकित्सक टीमें भी तैनात की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बाढ़ प्रभावित हर व्यक्ति और गांव के साथ खड़ी है और इस संकट से उबरने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।
👥 मौजूद रहे:
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. रवजोत, लोकसभा सांसद डॉ. राज कुमार चब्बेवाल सहित कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।