लेह। बुधवार, 24 सितंबर को लेह में राज्य का दर्जा (Statehood) और छठी अनुसूची (Sixth Schedule) लागू करने की मांग को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन अचानक हिंसक रूप ले बैठा। सुबह तक शांतिपूर्ण रहा यह आंदोलन दोपहर बाद युवाओं और पुलिस के बीच झड़पों में बदल गया।
बीजेपी ऑफिस और पुलिस वाहनों पर हमला
स्थिति बिगड़ने पर गुस्साई भीड़ ने बीजेपी ऑफिस को नुकसान पहुंचाया और पुलिस व CRPF की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।
मौत और घायल
इस झड़प में कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से 70 लोग घायल हुए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
प्रशासन ने लगाए प्रतिबंध
घटनाओं के बाद प्रशासन ने लेह में धारा 144 लागू कर दी है। अब पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक होगी और किसी भी प्रकार की रैली, मार्च या प्रदर्शन के लिए पहले से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
यह विरोध 2019 से चल रही नाराज़गी से जुड़ा है, जब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। स्थानीय लोग राज्य का दर्जा, संवैधानिक गारंटी और अधिक राजनीतिक अधिकारों की मांग कर रहे हैं।
सोनम वांगचुक की अपील
प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक, जो इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं, पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर थे। हालांकि, हिंसा भड़कने के बाद उन्होंने अपना अनशन तोड़ दिया और युवाओं से शांति बनाए रखने की अपील की। वांगचुक ने कहा कि उनका उद्देश्य न्याय और संवाद है, न कि हिंसा।