अमेरिका जाकर काम करने का सपना देख रहे हजारों भारतीय युवाओं के लिए एक बड़ा झटका सामने आया है। H-1B और H-4 वीजा प्रक्रिया को लेकर अमेरिकी प्रशासन ने सख्ती और बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार, जिन आवेदकों की सितंबर से दिसंबर के बीच अमेरिकी दूतावास में वीजा अपॉइंटमेंट तय थी और बाद में जिनकी तारीख बदली गई, वे अब पुराने शेड्यूल पर इंटरव्यू नहीं दे सकेंगे। दूतावास में प्रवेश केवल नई निर्धारित अपॉइंटमेंट पर ही मिलेगा।
सूत्रों के मुताबिक, दिसंबर महीने की अधिकांश वीजा अपॉइंटमेंट रद्द कर दी गई हैं और अब इन्हें मार्च 2026 तक के लिए टाल दिया गया है। इससे हजारों छात्रों और प्रोफेशनल्स की योजनाएं प्रभावित हो गई हैं।
सोशल मीडिया वेरिफिकेशन बना नई परेशानी
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने H-1B और H-4 वीजा आवेदकों के लिए सोशल मीडिया वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। 15 दिसंबर से लागू होने वाली इस नई व्यवस्था के तहत सभी आवेदकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट “पब्लिक मोड” में रखने होंगे। अमेरिकी अधिकारी ऑनलाइन गतिविधियों की गहन जांच करेंगे और सुरक्षा के लिहाज से संदिग्ध प्रोफाइल को छांटा जाएगा। इसी कारण बड़ी संख्या में इंटरव्यू मार्च तक के लिए रीशेड्यूल किए गए हैं।
H-1B वीजा प्रोग्राम पर बढ़ी सख्ती
अमेरिकी प्रशासन पहले से ही H-1B वीजा प्रोग्राम पर कड़ी नजर रखे हुए है। इससे पहले नए H-1B वीजा पर भारी शुल्क लगाए जाने और कुछ श्रेणियों की जांच प्रक्रिया कड़ी किए जाने के फैसले सामने आ चुके हैं। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट का कहना है कि हर वीजा फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होता है और सोशल मीडिया स्क्रीनिंग इसी नीति का हिस्सा है।
क्या है H-1B वीजा
H-1B वीजा अमेरिका का ऐसा वर्क वीजा है, जो उच्च कुशल विदेशी पेशेवरों को सीमित अवधि के लिए काम करने की अनुमति देता है। यह वीजा मुख्य रूप से आईटी, इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर, फाइनेंस और साइंस क्षेत्रों के लिए जारी किया जाता है। यह वीजा तीन साल के लिए मिलता है, जिसे बढ़ाकर अधिकतम छह साल तक किया जा सकता है। H-1B धारक अपने परिजनों को H-4 वीजा पर अमेरिका ले जा सकते हैं।
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