पंजाब सरकार की “इजी रजिस्ट्री सेवा” के तहत तहसील कार्यालयों में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार खत्म करने के प्रयासों के बीच, फिरोजपुर तहसील में पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर की गई कुछ विवादित रजिस्ट्रियां चर्चा का विषय बनी हुई हैं। आरोप है कि पावर ऑफ अटॉर्नी रद्द होने के बावजूद भी, मालिक की मौजूदगी के बिना कुछ कोठियों और घरों की रजिस्ट्रियां कर दी गईं।
पीड़ितों ने फिरोजपुर तहसील के स्टाफ और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए, जिसके बाद पंजाब सरकार और जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया। डिप्टी कमिश्नर फिरोजपुर, दीपशिखा शर्मा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पंजाब सिविल सेवाएं नियम 1970 के नियम 4 के तहत दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
दोनों कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी कर उनकी ड्यूटी हेडक्वार्टर तहसीलदार जीरा के कार्यालय में लगाने के निर्देश दिए गए हैं। यह कार्रवाई तहसील कार्यालयों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में अहम मानी जा रही है।








