
मोहाली की अदालत द्वारा शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की ज़मानत याचिका खारिज किए जाने के बाद पंजाब की राजनीति गरमा गई है। आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अकाली दल पर करारा हमला बोला और दावा किया कि अदालत का फैसला इस बात का सबूत है कि विजिलेंस ब्यूरो ने राजनीतिक बदले की भावना से नहीं, बल्कि ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई की है।
चंडीगढ़ में आप विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल और पार्टी नेता बलतेज पन्नू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले ने अकाली दल और कांग्रेस नेताओं के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है।
धालीवाल ने कहा कि अकाली शासनकाल (2007-2017) के दौरान पंजाब में नशे का कारोबार इतने बड़े स्तर पर फैला कि राज्य की “छठी नदी नशे की” कही जाने लगी। उन्होंने आरोप लगाया कि बिक्रम मजीठिया का ड्रग माफिया से गहरा संबंध रहा है और उनके खिलाफ विजिलेंस के पास पुख़्ता सबूत हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इंटरपोल पहले ही मजीठिया के सहयोगी सत्ता के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर चुका है और भारत सरकार कनाडा से उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है। धालीवाल ने दावा किया कि सत्ता की वापसी के बाद बड़े राजनीतिक खुलासे होंगे और ड्रग माफिया व नेताओं की सांठगांठ उजागर होगी।
आप नेता ने यह भी बताया कि विजिलेंस जांच में सामने आया है कि नशे के कारोबार से जुड़े 6000 करोड़ रुपये के नेटवर्क का संचालन राजनीतिक संरक्षण में हुआ, जबकि मजीठिया की आय से अधिक 540 करोड़ रुपये की संपत्ति का भी खुलासा हुआ।
इसी बीच बलतेज पन्नू ने कहा कि अदालत ने मजीठिया की जमानत याचिका 10 मिनट की सुनवाई में नहीं, बल्कि 10 दिन की विस्तृत बहस के बाद खारिज की है। यह साफ़ करता है कि विजिलेंस ने ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई की है।
दोनों नेताओं ने कहा कि यह फैसला मान सरकार की बड़ी जीत है और यह सिद्ध करता है कि आप पर लगाए गए बदले की राजनीति के आरोप पूरी तरह झूठे हैं। उन्होंने दोहराया कि आम आदमी पार्टी पंजाब को नशा मुक्त बनाने तक इस जंग को जारी रखेगी।








