मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऐतिहासिक नशा विरोधी अभियान ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ ने 300 दिन पूरे कर लिए हैं। यह अभियान नशा तस्करी और नशाखोरी के खिलाफ पंजाब की अब तक की सबसे व्यापक और सख्त लड़ाई के रूप में उभरकर सामने आया है।
इस अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी पंजाब के महासचिव और मीडिया प्रभारी बलतेज पन्नू ने कहा कि ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ केवल एक सरकारी अभियान नहीं, बल्कि जन आंदोलन बन चुका है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस अभियान का पैमाना, इरादा, अमल और सफलता न केवल देश, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बेमिसाल है।
300 दिनों में रिकॉर्ड कार्रवाई, तस्करों में हड़कंप
बलतेज पन्नू ने 1 मार्च 2025 से 23 दिसंबर 2025 तक के सरकारी आंकड़े साझा करते हुए बताया कि मान सरकार की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के चलते पंजाब पुलिस ने नशा तस्करों के खिलाफ ऐतिहासिक कार्रवाई की है। इस दौरान—
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28,485 मामले दर्ज किए गए
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41,517 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया
बरामद नशीले पदार्थों में शामिल हैं:
हेरोइन (1,819.669 किलो), अफीम (594.671 किलो), भुक्की/हरे पौधे (27,160.449 किलो), चरस (40.764 किलो), गांजा (577.472 किलो), कोकीन (4.364 किलो), आइस यानी सिंथेटिक ड्रग (25.212 किलो) और नशीला पाउडर (40.551 किलो)। इसके अलावा 1,666 इंजेक्शन, 46 लाख से अधिक प्रतिबंधित गोलियां-कैप्सूल और 15.23 करोड़ रुपये की ड्रग मनी भी जब्त की गई है।
सिर्फ पुलिस कार्रवाई नहीं, चौतरफा रणनीति
बलतेज पन्नू ने कहा कि ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ केवल पुलिसिया कार्रवाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बहुस्तरीय रणनीति है। एक ओर जहां तस्करों पर सख्त शिकंजा कसा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर नशा पीड़ितों के पुनर्वास और समाज में उनकी वापसी पर भी उतना ही ध्यान दिया जा रहा है।
सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों की स्थिति में आमूलचूल बदलाव किया गया है। इन्हें उपेक्षित भवनों से आधुनिक रिकवरी सेंटरों में बदला गया है, जहां दवाइयों, पौष्टिक भोजन, साफ-सफाई, खेल सुविधाओं और रचनात्मक गतिविधियों की समुचित व्यवस्था की गई है। केंद्रों में पुस्तकालयों को भी दोबारा सक्रिय किया गया है।
‘पिंड दे पहरेदार’: जन आंदोलन की रीढ़
इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत गांव स्तर पर खड़ा किया गया ढांचा है। नशा मुक्ति मोर्चे के तहत पंजाब को पांच जोनों—माझा, दोआबा, मालवा पूर्वी, मालवा पश्चिमी और मालवा केंद्रीय—में बांटा गया। गांवों में गठित सुरक्षा समितियों को ‘पिंड दे पहरेदार’ नाम दिया गया है, जिनकी संख्या अब करीब एक लाख वॉलंटियरों तक पहुंच चुकी है।
7 जनवरी से शुरू होगा दूसरा चरण
बलतेज पन्नू ने घोषणा की कि ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ का दूसरा चरण 7 जनवरी से 25 जनवरी तक चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह किसी एक पार्टी या सरकार का अभियान नहीं, बल्कि पंजाबियों द्वारा पंजाब को बचाने का सामूहिक मिशन है।
अभियान के कमजोर पड़ने के दावों को खारिज करते हुए पन्नू ने कहा कि कुछ लोग इसे अस्थायी मान रहे थे, लेकिन 300 दिनों के बाद भी इसकी गति और असर दोनों मजबूत हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि जनता के सहयोग से यह लड़ाई अंत तक लड़ी जाएगी और पंजाब को नशा मुक्त बनाया जाएगा।









