केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित “विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण (वीबी-जी राम जी)” बिल को लेकर आम आदमी पार्टी ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। आदमपुर हलका इंचार्ज, पंजाब स्टेट एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट बैंक के चेयरमैन और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता पवन कुमार टीनू ने इस बिल को मनरेगा जैसे ऐतिहासिक कानून को कमजोर करने की साजिश करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार मजदूरों की रोजगार गारंटी खत्म करने की दिशा में सुनियोजित कदम उठा रही है।
जालंधर के सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पवन टीनू ने कहा कि मनरेगा देश के करोड़ों ग्रामीण गरीबों के लिए जीवनरेखा है। यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि कानून के तहत 100 दिन के रोजगार की गारंटी देता है। लेकिन भाजपा सरकार का नया “वीबी-जी राम जी” बिल इस गारंटी को खत्म करने का रास्ता खोलता है।
उन्होंने कहा कि नए बिल के तहत अब रोजगार की अवधि तय नहीं होगी, बल्कि यह पूरी तरह केंद्र सरकार के बजट पर निर्भर करेगी। यदि बजट में कटौती की गई, तो मजदूरों को 100 दिन के बजाय कम दिनों का काम मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी, गरीबी और पलायन जैसी समस्याएं और गंभीर होंगी।
राज्यों पर जबरन डाला जा रहा वित्तीय बोझ
पवन टीनू ने कहा कि इस बिल के जरिए मनरेगा की फंडिंग व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव किया गया है। पहले जहां केंद्र सरकार मनरेगा का पूरा वित्तीय भार उठाती थी, वहीं अब 40 प्रतिशत खर्च राज्यों पर डालने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने इसे संघीय ढांचे पर सीधा हमला बताया।
टीनू ने कहा कि पहले से ही कर्ज, सीमित संसाधनों और अन्य सामाजिक जिम्मेदारियों से जूझ रहे राज्यों के लिए यह अतिरिक्त बोझ उठाना लगभग असंभव है। इसका नतीजा यह होगा कि मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिलेगी और कई जगहों पर काम ही बंद हो जाएगा।
बिना सलाह के लाया गया बिल
उन्होंने सवाल उठाया कि इतने बड़े और दूरगामी प्रभाव वाले बिल को लाने से पहले राज्य सरकारों, श्रमिक संगठनों या विशेषज्ञों से कोई सलाह क्यों नहीं ली गई। पवन टीनू ने कहा कि यह केंद्र सरकार की तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है, जिसमें राज्यों की भूमिका को लगातार कमजोर किया जा रहा है।
बायोमेट्रिक और स्मार्टफोन अनिवार्यता पर आपत्ति
पवन टीनू ने बिल में शामिल बायोमेट्रिक अटेंडेंस और स्मार्टफोन की अनिवार्यता पर भी कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में आज भी नेटवर्क की भारी समस्या है और हर मजदूर के पास स्मार्टफोन होना संभव नहीं है। ऐसे में तकनीकी कारणों से यदि हाजिरी दर्ज नहीं हुई तो मजदूर की मजदूरी कट जाएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह व्यवस्था मजदूरों को तकनीकी जाल में फंसाकर उन्हें काम और मजदूरी से वंचित करने की साजिश है।
पंजाब के साथ भेदभाव का आरोप
पवन टीनू ने केंद्र सरकार पर पंजाब के साथ लगातार भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब पंजाब बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहा था, तब भी केंद्र ने न तो पर्याप्त राहत दी और न ही लंबित फंड जारी किए। अब इस नए बिल के जरिए भी पंजाब समेत अन्य राज्यों को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
जनता से भाजपा नेताओं से सवाल पूछने की अपील
पवन टीनू ने आम जनता से अपील की कि वे इस जनविरोधी बिल को लेकर स्थानीय भाजपा नेताओं से सवाल पूछें और उनसे जवाब मांगें। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी किसानों, मजदूरों और गरीबों की पार्टी है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी।
अंत में उन्होंने तीखा हमला करते हुए कहा,
“भाजपा ने पहले वोट चोरी किए, फिर राशन चोरी किया और अब गरीबों का रोजगार चोरी करने पर उतर आई है। लेकिन देश की जनता इस बार चुप नहीं बैठेगी।”
इस मौके पर जिला योजना बोर्ड चेयरमैन एवं जालंधर अर्बन प्रधान अमृतपाल सिंह, स्टेट सेक्रेटरी आत्मप्रकाश सिंह बब्लू, दोआबा मीडिया इंचार्ज तरणदीप सिंह सन्नी और जिला मीडिया इंचार्ज संजीव भगत भी मौजूद रहे।









