पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान आज सदन ने सिख इतिहास की अमर गाथा—दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबज़ादों की लासानी शहादत—को श्रद्धा और सम्मान के साथ नमन किया। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में विधानसभा ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि पंजाब की धरती अन्याय, अत्याचार और ज़ुल्म के सामने कभी झुकी नहीं है और न ही झुकेगी।
इस अवसर पर सदन ने गुरु गोबिंद सिंह जी के चारों साहिबज़ादों—बाबा अजीत सिंह जी, बाबा जुंझार सिंह जी, बाबा ज़ोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी—की महान शहादत को स्मरण किया। साथ ही माता गुजरी जी, बाबा जीवन सिंह जी, बाबा संगत सिंह जी, दीवान टोडर मल जी, बाबा मोती राम मेहरा जी सहित उन सभी महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिन्होंने धर्म, मानवता और न्याय की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि चार साहिबज़ादों का बलिदान मानव इतिहास की उन दुर्लभ घटनाओं में से है, जो आने वाली पीढ़ियों को अन्याय के विरुद्ध डटकर खड़े होने की प्रेरणा देती रहेंगी। उन्होंने कहा कि बहुत कम उम्र में साहिबज़ादों ने जिस अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया, वह आज भी संपूर्ण मानवता के लिए मार्गदर्शक है।
मुख्यमंत्री ने कहा,
“सिद्धांतों की राह सबसे कठिन होती है। यह काँटों पर चलने से भी ज्यादा पीड़ादायक होती है। लेकिन साहिबज़ादों ने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया और इतिहास में अमिट छाप छोड़ दी। उनका बलिदान हमें सिखाता है कि सत्य और न्याय की रक्षा के लिए हर त्याग स्वीकार्य है।”
उन्होंने ‘ठंडा बुर्ज’ की पीड़ादायक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि पोह महीने की भीषण ठंड में छोटे साहिबज़ादों और माता गुजरी जी को कैद में रखना, फिर भी उनका अपने विश्वास पर अडिग रहना, मानव इतिहास की सबसे हृदयविदारक और प्रेरणादायक घटनाओं में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह साका भले ही तीन सौ वर्षों से अधिक पुराना हो, लेकिन इसकी पीड़ा और संदेश आज भी उतने ही जीवंत हैं।
भगवंत मान ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार से बिछड़ने के बाद जिन महान आत्माओं ने साहिबज़ादों और माता गुजरी जी की सेवा, सहायता और संरक्षण किया, वे सिख इतिहास के सच्चे नायक हैं। उन्होंने कहा कि दीवान टोडर मल जी, जिन्होंने अपने घर की ईंटें बेचकर साहिबज़ादों के अंतिम संस्कार के लिए भूमि खरीदी, आज भी त्याग और मानवता की मिसाल हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस तथा साहिबज़ादों के शहीदी दिवसों के अवसर पर पंजाब सरकार ने संगत की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छता, यातायात, सुरक्षा व्यवस्था, ई-रिक्शा और बस सेवाओं सहित सभी आवश्यक प्रबंध किए गए, ताकि देश-विदेश से आने वाली संगत को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
उन्होंने कहा कि सरकार का यह कर्तव्य है कि श्रद्धालुओं को सम्मानजनक और सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जाए। इसी भावना के तहत श्री आनंदपुर साहिब सहित सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों पर व्यापक इंतज़ाम किए गए।
अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि साहिबज़ादों की शहादत केवल सिख इतिहास ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता की धरोहर है, जो हमें सिखाती है कि ज़ुल्म चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, सत्य और सिद्धांतों के सामने वह टिक नहीं सकता।









