महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में प्रस्तावित बदलावों को लेकर आम आदमी पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। आम आदमी पार्टी के विधायक और पंजाब के मुख्य प्रवक्ता कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार मनरेगा के स्वरूप को बदलकर देश के गरीब और मजदूर वर्ग की रोज़ी-रोटी छीनने की साजिश कर रही है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार वीबी-जी राम-जी बिल को तुरंत वापस ले और मूल मनरेगा कानून को पूरी तरह लागू करे।
रविवार को अमृतसर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान धालीवाल ने कहा कि मनरेगा कोई साधारण सरकारी योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण गरीबों के लिए जीवनरेखा है। इसके तहत मिलने वाली 100 दिन की रोजगार गारंटी ने वर्षों से करोड़ों मजदूरों को भुखमरी से बचाया है। लेकिन भाजपा सरकार द्वारा लाया गया नया कानून इस गारंटी को कमजोर करने की दिशा में बड़ा कदम है।
100% फंडिंग से पीछे हटी केंद्र सरकार
कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि पहले मनरेगा की पूरी 100 प्रतिशत फंडिंग केंद्र सरकार द्वारा की जाती थी, लेकिन अब नए वीबी-जी राम-जी बिल के तहत इसे 60:40 के अनुपात में बांट दिया गया है। यानी अब 40 प्रतिशत खर्च राज्यों को उठाना होगा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब राज्यों की जीएसटी का बड़ा हिस्सा पहले ही केंद्र सरकार के पास जाता है, तो राज्य यह अतिरिक्त बोझ कहां से उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि इससे सीधे तौर पर मनरेगा का बजट घटेगा, काम के दिन कम होंगे और मजदूरों को समय पर मजदूरी मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसका सबसे बड़ा नुकसान उन गरीब परिवारों को होगा जो पूरी तरह मनरेगा पर निर्भर हैं।
कृषि सीजन में काम बंद करने पर सवाल
आप नेता ने गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि नई नीति के तहत बिजाई और कटाई के दौरान मनरेगा का काम नहीं दिया जाएगा। उन्होंने पूछा कि जिन मजदूरों के पास एक कनाल जमीन भी नहीं है, जो खुद खेती नहीं करते, वे इन महीनों में अपना और अपने परिवार का पेट कैसे भरेंगे? पहले मजदूर अपनी जरूरत के अनुसार कभी भी काम मांग सकता था, लेकिन अब यह अधिकार भी छीना जा रहा है।
धालीवाल ने कहा कि यह बदलाव मजदूरों को बेरोजगारी, कर्ज और पलायन की ओर धकेल देगा।
पंचायत और स्थानीय संस्थाओं के अधिकारों पर हमला
उन्होंने आरोप लगाया कि यह नई नीति ग्राम पंचायतों, ब्लॉक समितियों और जिला परिषदों के अधिकारों पर भी सीधा हमला है। पहले मनरेगा के तहत गांवों में सड़कें, तालाब, नालियां और अन्य विकास कार्य होते थे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती थी। अब इन संस्थाओं की भूमिका सीमित कर दी जाएगी।
पंजाब के साथ भेदभाव का आरोप
कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि भाजपा सरकार पिछले कई वर्षों से पंजाब के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने याद दिलाया कि हाल ही में आई बाढ़ के दौरान केंद्र सरकार ने 1600 करोड़ रुपये की घोषणा तो की, लेकिन एक पैसा भी जारी नहीं किया। ग्रामीण विकास और अन्य योजनाओं के फंड भी लगातार रोके जा रहे हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि मनरेगा कोई खैरात नहीं, बल्कि राज्यों के हिस्से की जीएसटी से ही चलने वाली योजना है, जिसे अब केंद्र सरकार रोकने का प्रयास कर रही है।
बड़े संघर्ष की चेतावनी
धालीवाल ने केंद्र सरकार से मांग की कि वीबी-जी राम-जी एक्ट को वापस लिया जाए और वर्ष 2005 में लागू किया गया मूल मनरेगा कानून बिना किसी बदलाव के लागू किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मजदूर विरोधी फैसले वापस नहीं लिए गए तो आम आदमी पार्टी देशभर में इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन करेगी।
अंत में उन्होंने पंजाब के मजदूरों और गरीब जनता को भरोसा दिलाया कि आम आदमी पार्टी उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी और किसी भी हालत में गरीबों का रोजगार नहीं छीनने देगी।









