आपदा तैयारियों को मजबूत करने के लिए सक्रिय कदम उठाते हुए जालंधर जिला प्रशासन ने भारतीय सेना के सहयोग से मंगलवार को सतलुज नदी के किनारे स्थित तलवंडी खुर्द गांव में व्यापक बाढ़ सुरक्षा अभ्यास आयोजित किया।
यह अभ्यास वाईएसएम कमांडर ब्रिगेडियर एस. चटर्जी के नेतृत्व में आयोजित किया गया, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पंजाब पुलिस, होमगार्ड, स्वास्थ्य विभाग, फायर ब्रिगेड और रेड क्रॉस सोसाइटी की भागीदारी रही।
डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि मॉक अभ्यास का मुख्य उद्देश्य अंतर-विभागीय समन्वय को बढ़ाना और आपातकालीन प्रतिक्रिया में शामिल सभी एजेंसियों की तैयारियों का परीक्षण करना था। टीमों ने वास्तविक समय की बाढ़ स्थितियों के लिए अपनी तत्परता का प्रदर्शन करने के लिए बचाव और राहत कार्यों का अनुकरण किया, जिसमें नावों से लोगों को निकालना और हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके हवाई बचाव अभ्यास शामिल थे।
डॉ. अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने, नुकसान को कम करने और जन जागरूकता बढ़ाने के लिए इस तरह के अभ्यास महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि जिले में बाढ़ की स्थिति पूरी तरह से सामान्य बनी हुई है और घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा, “जालंधर प्रशासन सभी एहतियाती इंतजामों के साथ पूरी तरह तैयार है। हमारा लक्ष्य जान-माल की रक्षा करना और किसी भी स्थिति का तुरंत जवाब देना है।”
इस अभ्यास के दौरान एसडीएम लाल विश्वास बैंस और सेना तथा जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिसमें फंसे हुए व्यक्तियों को बचाने और कृत्रिम बाढ़ आपात स्थितियों के दौरान चिकित्सा सहायता प्रदान करने का प्रदर्शन भी शामिल था।