शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को फिलहाल राहत नहीं मिली है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में उनकी नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई छह नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
मजीठिया इस समय नई नाभा जेल में 6 जुलाई से बंद हैं। उन्हें पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को अमृतसर से कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
मजीठिया का दावा — “गिरफ्तारी राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा”
मजीठिया ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में अपनी गिरफ्तारी को “राजनीतिक प्रतिशोध और साजिश का हिस्सा” बताया है। उनका कहना है कि वह मौजूदा सत्तारूढ़ दल की नीतियों के कटु आलोचक रहे हैं और उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया।
“यह केस मुझे बदनाम करने के लिए गढ़ा गया है। सरकार मेरे खिलाफ राजनीतिक दुश्मनी निकाल रही है,” — मजीठिया ने अपने हलफनामे में कहा।
उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (FIR) 25 जून की सुबह 4:30 बजे मोहाली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी, जबकि उन्हें सुबह 9 बजे उनके घर से हिरासत में लिया गया और औपचारिक गिरफ्तारी 11:20 बजे दिखायी गई।
मजीठिया ने इसे “गैरकानूनी हिरासत” बताया और कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 22(2) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (पूर्व में सीआरपीसी की धारा 167) का उल्लंघन है, जिसके तहत किसी भी गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना अनिवार्य है।
विजिलेंस ब्यूरो के अनुसार, करोड़ों की बेनामी संपत्ति का मामला
विजिलेंस ब्यूरो की जांच के मुताबिक, मजीठिया ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की है, जिसकी कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है। ब्यूरो का कहना है कि जांच में कई बेनामी संपत्तियों और संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के सबूत मिले हैं।
हालांकि मजीठिया ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि “सारी संपत्ति वैध है और कानून के दायरे में अर्जित की गई है।”
हाईकोर्ट ने कहा — अगली सुनवाई 6 नवंबर को
मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगली तारीख 6 नवंबर 2025 तय की है। तब तक मजीठिया को जेल में ही रहना होगा।
इस बीच, अकाली दल ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का कहना है कि “कानून अपना काम कर रहा है और किसी के साथ पक्षपात नहीं किया जा रहा।”








