तरनतारन उपचुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने जनाधार को मजबूत करने के लिए जनता के बीच सीधी अपील शुरू कर दी है। इसी कड़ी में ‘आप’ उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू ने कहा कि यह चुनाव अब सिर्फ दलों का नहीं, बल्कि काम करने वाली सरकार और वादे निभाने वाली राजनीति के बीच का फैसला होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब में शासन की परिभाषा बदल दी है — अब फैसले ए.सी. कमरों से नहीं, खेतों और गांवों के बीच से लिए जा रहे हैं।
“जो कहा, सो किया”: 5 लाख एकड़ के लिए 74 करोड़ का राहत पैकेज और 2 लाख क्विंटल बीज
हरमीत संधू ने बताया कि जब पंजाब में बाढ़ आई, तब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों से वादा किया था कि कोई भी किसान अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा,
“मुख्यमंत्री ने मात्र 30 दिनों में बाढ़ पीड़ितों को राहत राशि उनके खातों में पहुंचाकर देश में मिसाल कायम की। इतना तेज़ और पारदर्शी मुआवज़ा कभी किसी सरकार ने नहीं दिया।”
उन्होंने आगे बताया कि मान सरकार ने 5 लाख एकड़ खराब हुई भूमि के लिए 74 करोड़ रुपए का राहत पैकेज जारी किया है, जिसके तहत किसानों को 2 लाख क्विंटल गेहूं का बीज मुफ्त दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने खुद सात ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर राहत सामग्री रवाना की।
इसके साथ ही किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवज़ा भी मिला। संधू ने कहा, “यह सरकार सिर्फ राहत नहीं दे रही, बल्कि किसानों को दोबारा खड़ा करने में मदद कर रही है।”
बाढ़ का बड़ा आंकड़ा — मान सरकार ने दिखाई संवेदनशीलता
हरमीत संधू ने बताया कि पंजाब में हालिया बाढ़ ने भारी तबाही मचाई —
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2,300 गांव डूबे,
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20 लाख लोग प्रभावित हुए,
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5 लाख एकड़ फसल बर्बाद हुई,
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56 लोगों की मौत हुई,
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7 लाख से अधिक लोग बेघर हुए।
उन्होंने बताया कि इस आपदा से 13,800 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ, पर मान सरकार ने त्वरित राहत पर फोकस किया।
“पिछली सरकारें रिपोर्ट बनाती रहीं, मान सरकार ने राहत पहुंचाई”
संधू ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में लोग मुआवज़े के लिए महीनों सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते थे।
उन्होंने कहा,
“क्या किसी सरकार ने पहले कभी 30 दिन में मुआवज़ा दिया? आज हर किसान, मजदूर और दुकानदार खुद कह रहा है कि यह सरकार सिर्फ बातें नहीं करती, काम करती है।”
उन्होंने बताया कि मान सरकार ने
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एसडीआरएफ मुआवज़ा बढ़ाकर 40,000 रुपये किया,
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क्षतिग्रस्त घरों को आर्थिक मदद दी,
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किसानों को छह महीने तक बिना ब्याज और किस्त के राहत दी,
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और 15 नवंबर तक खेतों में जमा रेत व गाद बेचने की छूट दी ताकि किसान अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकें।
“यह बदलाव की लहर है, जनता अब जमीनी सरकार को ही चुनेगी”
हरमीत सिंह संधू ने कहा कि तरनतारन की जनता अब पारंपरिक पार्टियों के झूठे वादों से ऊब चुकी है।
उन्होंने कहा,
“अब लोग जानते हैं कि कौन सरकार सिर्फ भाषण देती है और कौन सरकार खेतों में उतरकर जनता का दर्द समझती है। तरनतारन अब भगवंत मान जैसी जमीनी सोच वाली सरकार को ही चुनेगा।”
उन्होंने अपील की कि तरनतारन के लोग “जो कहा, सो किया” की इस राजनीति को वोट दें ताकि विकास की यह रफ्तार और तेज़ हो।








