जम्मू-कश्मीर की तरफ से रावी नदी में 1.50 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया, जो रात करीब 10 बजे अजनाला के पास बहते रावी दरिया में पहुंच गया। इस स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर आ गया है।
डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने बाढ़ संभावित गांवों में 24 घंटे के लिए टीमें तैनात कर दी हैं, जिन्हें जेसीबी और अन्य मशीनरी भी उपलब्ध करवा दी गई है। प्रशासन का कहना है कि रावी दरिया की पानी सहन क्षमता लगभग 1 लाख क्यूसिक है और इससे अधिक पानी आने पर बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
पिछले वर्षों में भी रावी में पानी ज्यादा आने से अजनाला के कई गांवों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
संवेदनशील गांव
प्रशासन के अनुसार घोनेवाल, सहारन, पंजग्राई, घुमराई, कोट राजदा, दरिया मूसा को अति संवेदनशील मानते हुए यहां विशेष टीमें तैनात की गई हैं।
इसके अलावा नंगल सौहल, गगड़, दूजोवाल, बल लबेदरिया, लखूवाल रमदास, कोटली जमीत सिंह, दूरिया, कलोमाहल, लगोमाहल, गगोमाहल, हरडक़लां, कोटलीअंब, चकओल, वंझावाला, जसड़, लखूवाल अजनाला, तलवंडी राएदाद, फतहवालवडा, इब्राहीमपुर, भूरोगिल, दयालपुरा, कयामपुरा, अबुसेब, कुरालिया, शहिजादा, निसोके, सिंघोके, तंगई, मलकपुर, चाहड़पुर जैसे गांवों को भी सूची में शामिल किया गया है।
प्रशासन की अपील
डी.सी. ने लोगों को दरिया और नहरों के किनारों से दूर रहने की अपील की है। विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने भी रावी दरिया का दौरा कर ग्रामीणों से अपील की है कि वे दरिया पार खेती करने न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
धुस्सी बांध का खतरा
अजनाला का धुस्सी बांध भी कभी-कभी खतरे का कारण बन चुका है। हालांकि अब इसे मजबूत किया गया है, लेकिन पानी के दबाव से हालात बिगड़ सकते हैं।