हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ों में बादल फटने के कारण नदियां उफान पर हैं और इसका असर सीमावर्ती पंजाब के गांवों में भी देखने को मिल रहा है।
जानकारी के अनुसार, कल जम्मू-कश्मीर में बादल फटने के बाद जलालिया नदी एक बार फिर उफान पर आ गई। इस बाढ़ का रुख भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे बमियाल कस्बे और आसपास के गांवों – मस्तपुर, रामकलवां, मनवाल, मंगवाल, काशी बरमा, जैतपुर, झडोली, ब्लॉक नारनौत जैमल सिंह और यहां स्थित बीएसएफ पोस्टों की ओर मुड़ गया।
इससे इन गांवों के खेत, घर, सड़कें और चौकियां पूरी तरह पानी में डूब गईं। करीब 4 से 5 फुट तक पानी भर जाने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई घरों का सामान और फसलें नष्ट हो गईं। वहीं, गांवों के बीच संपर्क भी बाधित हो गया और लोग आने-जाने में असमर्थ हो गए।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क प्रशासनिक अधिकारियों, आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे। पानी अधिक होने के कारण वाहन गांवों तक नहीं जा पाए, जिसके चलते मंत्री पैदल ही लोगों के घरों, खेतों और बीएसएफ चौकियों तक पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी मदद के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।