अमृतसर के वेरका थाना क्षेत्र में एक कार में आग लगने के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। शुरुआती खबरों में जहां इसे पेट्रोल बम हमले से जोड़कर देखा जा रहा था, वहीं पुलिस जांच में यह बात झूठी निकली। डीसीपी इन्वेस्टिगेशन रविंदरपाल सिंह संधू ने बताया कि आग प्राकृतिक कारणों से लगी थी, न कि किसी बम से।
🚗 पूरी घटना:
बीते दिन वेरका बाईपास के पास एक निजी स्कूल के बाहर खड़ी कार में अचानक आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि पूरी कार जलकर खाक हो गई और कार चालक गंभीर रूप से झुलस गया। राहगीरों ने घायल को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे डीएमसी लुधियाना रेफर कर दिया।
घायल व्यक्ति की पहचान सुखदेव सिंह पुत्र बलविंदर सिंह निवासी ठक्कर संधूआं, जिला गुरदासपुर के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि कार सड़क किनारे खड़ी थी और उसका हैंड ब्रेक भी लगा हुआ था, जिससे संकेत मिलता है कि वाहन उस समय चल नहीं रहा था।
🧯 पुलिस जांच और खुलासे:
घटना की सूचना मिलते ही डीसीपी इन्वेस्टिगेशन रविंदरपाल सिंह संधू ने मौके पर पहुंचकर जांच की। उन्होंने बताया कि—
“प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि कार में आग पेट्रोल बम से नहीं, बल्कि प्राकृतिक कारणों से लगी थी। पेट्रोल बम की थ्योरी पूरी तरह झूठी साबित हुई है।”
पुलिस ने मौके से एक अवैध पिस्तौल और एक जला हुआ राउंड भी बरामद किया है। पिस्तौल पर नंबर दर्ज नहीं था और यह गैर-पंजीकृत पाई गई। इसके चलते पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
🏥 घायल चालक की स्थिति:
वेरका थाने के एसएचओ और जांच अधिकारी घायल के बयान लेने अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए बयान दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस टीम डीएमसी लुधियाना भी गई, जहां डॉक्टरों ने स्थिति बिगड़ने की वजह से बयान देने की अनुमति नहीं दी।
फिलहाल सुखदेव सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है और पुलिस उनके ठीक होने का इंतजार कर रही है ताकि घटना की वास्तविक वजह का पता लगाया जा सके।
📢 पेट्रोल बम हमले की अफवाह:
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर बीते दिन यह खबर तेजी से वायरल हुई थी कि अकाली दल (वारिस पंजाब जत्थेबंदी) के चुनाव प्रभारी सुखदेव सिंह की कार पर पेट्रोल बम से हमला किया गया। हालांकि, पुलिस जांच में यह दावा गलत निकला। अधिकारियों ने अपील की है कि बिना पुष्टि के अफवाहें फैलाने से बचें।








