पंजाब में युवाओं में लगातार बढ़ रहे हार्ट अटैक मामलों को देखते हुए सरकार सख्त हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि अब जिम में दिए जाने वाले सप्लीमेंट की पहचान और उनकी जांच की जाएगी। इसके साथ ही सीपीआर ट्रेनिंग अनिवार्य की जाएगी ताकि इमरजेंसी में तुरंत मदद मिल सके।
हाल के दिनों में पंजाब के विभिन्न जिलों में हार्ट अटैक से हुई मौतों ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। सरकार ने अब यह सुनिश्चित करने का फैसला लिया है कि जिम और फिटनेस सेंटरों में इस्तेमाल होने वाले सप्लीमेंट में कोई मिलावट या खामी न हो।
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि फूड सप्लीमेंट और खाने-पीने की चीजों की जांच की जाएगी। साथ ही जिम में एयर क्वालिटी और ऑक्सीजन लेवल की भी मॉनिटरिंग होगी। उन्होंने बताया कि युवाओं को बचाने के लिए सीपीआर ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके।
हाल ही में पंजाब में कई घटनाओं ने लोगों को झकझोर दिया है। फिरोजपुर में क्रिकेट खेलते समय 35 वर्षीय युवक की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। वहीं चंडीगढ़ सेक्टर-40 और बठिंडा नगर निगम कार्यालय में भी ऐसे मामले सामने आए। बठिंडा में तो समय पर सीपीआर दिए जाने से एक व्यक्ति की जान बच पाई।
स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतते हुए स्कूल और कॉलेजों में एनर्जी ड्रिंक पर भी रोक लगाने का निर्णय लिया है।
राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार पंजाब में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का आंकड़ा 35% से भी अधिक है। तनाव, नींद की कमी, असंतुलित खानपान, धूम्रपान, शराब, जंक फूड और मिलावटी सप्लीमेंट इन मामलों की बड़ी वजह बताई जाती हैं।
सरकार का कहना है कि युवाओं को बचाने के लिए जिम संस्कृति पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और गलत सप्लीमेंट पर तुरंत रोक लगाई जाएगी।








