पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आढ़तियों को भरोसा दिलाया है कि राज्य सरकार उनकी जायज मांगों को केंद्र सरकार के समक्ष पूरी मजबूती से उठाएगी। लुधियाना में आढ़तियों के साथ बैठक करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी अधिकांश मांगें केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती हैं, लेकिन राज्य सरकार उनकी आवाज बनेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आढ़तियों का कमीशन बढ़ाने का मुद्दा पहले ही केंद्र सरकार के समक्ष रखा जा चुका है। उन्होंने आढ़तियों की भूमिका को किसानों और मंडी खरीद प्रक्रिया में अहम बताते हुए कहा कि वे किसानों के “बिना वेतन वाले चार्टर्ड अकाउंटेंट” हैं, जो उत्पादन से लेकर वित्तीय लेन-देन तक का रिकॉर्ड रखते हैं।
बाढ़ से तबाह पंजाब
बैठक के दौरान सीएम मान ने हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि 2300 गांव डूब गए, 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए और पांच लाख एकड़ फसल बर्बाद हो गई। इस आपदा में 56 लोगों की मौत हो गई, लगभग सात लाख लोग बेघर हो गए और राज्य के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा।
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3,200 सरकारी स्कूल और 19 कॉलेज क्षतिग्रस्त
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1,400 क्लीनिक और अस्पताल प्रभावित
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8,500 किलोमीटर सड़कें और 2,500 पुल टूटे
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13,800 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान (प्रारंभिक अनुमान)
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से मदद की उम्मीद नहीं है, इसलिए पंजाब सरकार ने दुनियाभर में बसे पंजाबियों तक पहुंच बनाने के लिए ‘मिशन चढ़दी कला’ शुरू किया है, जिसके लिए पहले ही करीब 1,000 लोगों ने सहयोग देने का वादा किया है।
आढ़तियों के लिए राहतभरे फैसले
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आढ़तियों के लाइसेंस की वैधता अब 5 साल से बढ़ाकर 10 साल की जाएगी।
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नए लाइसेंस 48 घंटे के भीतर जारी किए जाएंगे।
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दुकानों के निर्माण से जुड़े पुराने बकाए, जुर्माने और ब्याज के निपटारे के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना लाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों और आढ़तियों की भलाई के लिए पंजाब सरकार हर संभव कदम उठाएगी और मंडियों में सुचारू खरीद सुनिश्चित करेगी।








