हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई. पूरण कुमार की आत्महत्या को लोकतंत्र के लिए काला अध्याय बताते हुए आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और फगवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के इंचार्ज हरनूर सिंह (हरजी) मान ने केंद्र और हरियाणा की भाजपा सरकारों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में दलितों से सम्मान के साथ जीने का अधिकार तक छीन लिया गया है।
हरजी मान ने दिवंगत एडीजीपी वाई. पूरण कुमार की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान के माध्यम से दलितों को पढ़ने, बढ़ने और सम्मानजनक जीवन जीने का हक दिया था, लेकिन मौजूदा सत्ता संरचना उस अधिकार को लगातार कुचल रही है।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी दलित समाज को जातिसूचक शब्दों और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है। एक वरिष्ठ अधिकारी का आत्महत्या जैसा चरम कदम इस भयावह स्थिति को दर्शाता है। जब एक आईएएस अधिकारी की पत्नी को न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है तो आम दलितों की स्थिति समझना मुश्किल नहीं है।
दोषी अधिकारियों की बर्खास्तगी की मांग
हरजी मान ने हरियाणा सरकार से मांग की कि एडीजीपी वाई. पूरण कुमार की मौत के लिए जिम्मेदार डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र बिजारिणया को तत्काल बर्खास्त किया जाए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और देश का दलित समाज, अमनीत पी. कुमार की इस न्यायिक लड़ाई में पूरी मजबूती से साथ खड़ा है।
आरएसएस और भाजपा पर सीधा हमला
आप प्रवक्ता ने संघ विचारधारा पर प्रहार करते हुए कहा कि मोदी शासन में मनुवादी सोच को बढ़ावा दिया जा रहा है। दलितों के खिलाफ अत्याचार, हिंसा और भेदभाव की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने यूपी के रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंके जाने की घटना का उल्लेख करते हुए इसे भाजपा राज का चिंताजनक चेहरा बताया।
उन्होंने कहा कि भाजपा की मानसिकता दलितों को फिर से गुलामी की ओर धकेलने की है और संविधान बदलने की साजिशें इसका प्रमाण हैं। लेकिन आरएसएस व भाजपा की मंशा कभी कामयाब नहीं होगी। उन्होंने आह्वान किया कि देश के दलित समाज को एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए।