पंजाब के निलंबित डी.आई.जी. हरचरण सिंह भुल्लर से जुड़े बहुचर्चित रिश्वत और भ्रष्टाचार कांड में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा कदम उठाया है। ईडी की टीम ने पंजाब के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से संबंधित रिकॉर्ड अपने कब्जे में ले लिया है। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान अब तक राज्य के करीब 50 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों के नाम इस घोटाले में सामने आए हैं।
सूत्रों के अनुसार, ईडी की टीम मंगलवार को सीबीआई कार्यालय पहुंची और उन सभी अधिकारियों के रिकॉर्ड मांगे, जिन पर बेनामी संपत्तियां और अवैध निवेश का आरोप है। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से कई अधिकारी अभी भी अहम पदों पर तैनात हैं।
जांच एजेंसियों का कहना है कि निलंबित डी.आई.जी. भुल्लर का करीबी सहयोगी कृष्णू शारदा आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच रिश्वत के लेन-देन में अहम भूमिका निभाता था। सीबीआई को कृष्णू के मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कई भ्रष्टाचार के सबूत मिले हैं।
वहीं, सीबीआई की विशेष अदालत ने पहले ही डी.आई.जी. भुल्लर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पूछताछ में भुल्लर ने कबूल किया कि कई वरिष्ठ अधिकारी पटियाला के प्रॉपर्टी डीलर भूपिंदर सिंह के माध्यम से भारी-भरकम रकम रियल एस्टेट में निवेश कर रहे थे।
यह पूरा मामला अब ईडी और सीबीआई की संयुक्त जांच के अधीन है, और आने वाले दिनों में पंजाब की नौकरशाही में बड़े खुलासे की उम्मीद की जा रही है।








