खन्ना पुलिस ने एक ऐसे बड़े ठगी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जो जैविक खेती और दुगुना रिटर्न के सपने दिखाकर हजारों लोगों से करोड़ों की रकम ऐंठ रहा था। एसएसपी खन्ना, डॉ. ज्योति यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ‘जेनरेशन ऑफ फार्मिंग’ नाम की कंपनी ने पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में लोगों को निवेश के नाम पर फंसाया।
170 करोड़ से ज्यादा की ठगी, 23,000 से अधिक लोग बने शिकार
पुलिस जांच में सामने आया कि इस फर्म ने कुल 23,249 निवेशकों से लगभग ₹170.57 करोड़ जमा करवाए। कंपनी ने हर महीने 8% रिटर्न और 25 महीनों में रकम दोगुनी करने का झांसा दिया था। फर्म जैविक उत्पादन, वर्मीकंपोस्ट सप्लाई और बागवानी प्रोजेक्ट्स जैसी योजनाओं का दिखावा करके लोगों को भरोसे में ले रही थी।
सोशल मीडिया के जरिए फैलाया जाल
इस गिरोह ने रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड कई कंपनियों के माध्यम से लोगों को लुभाया और सोशल मीडिया, लोकल काउंसिलों और प्रचार माध्यमों के जरिए विश्वास बनाया।
पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई
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अब तक 8 आरोपी गिरफ्तार
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44 बैंक खाते फ्रीज (21 कंपनी और 23 व्यक्तिगत)
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₹1,15,52,062 की राशि जब्त
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6 बेनामी संपत्तियों की पहचान
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लैपटॉप, मोबाइल, मॉनिटर, सीपीयू और अन्य डिजिटल सामग्री बरामद
मामले में समराला थाने में एफआईआर संख्या 247/2025, 248/2025 और 268/2025 दर्ज की गई हैं। इनके तहत धारा 318(4), 316(2), 338, 336(3), 340(2), 61(2), 111 और 238 समेत कई गंभीर धाराएं लागू की गई हैं।
एसआईटी कर रही जांच, पीड़ितों से की अपील
एसएसपी ने कहा कि यह महज आर्थिक अपराध नहीं बल्कि गंभीर आपराधिक षड्यंत्र है। पुलिस पीड़ितों से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क कर रही है और उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जल्द ही सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कंपनी की कुल देनदारी 55.08 करोड़ रुपए से अधिक है। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी स्कीम में निवेश से पहले कानूनी जांच जरूर करें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत पुलिस को सूचना दें।
फगवाड़ा और गोराया में भी चल रहा था इस कंपनी का खेल
सूत्रों की मानें तो फगवाड़ा के सतनामपुरा रोड पर भी उक्त कंपनी का गोरखधंधा चल रहा था, हालांकि इस ज़ाली कंपनी का यह अधिकारित आफिस था या नहीं इस बारें में नहीं कहा ज़ा सकता लेकिन सूत्रों की मानें तो वहां पर बैठने वाले एक व्यक्ति और महिला उसे कंपनी का अधिकारित आफिस बताते थे और लोगों को दोगुने पैसे का झांसा देकर कंपनी में निवेश करवाते थे। जिसके चलते ही फगवाड़ाऔर गोराया ईलाके के भी लोगों के करोड़ों रूपए इस कंपनी में लगाए ज़ा चुके है।